नए आपराधिक कानूनों पर महत्वपूर्ण कानूनी ग्रंथों का किया विमोचन

47

चंडीगढ़ 24 जनवरी 2025- Aj Di Awaaj

आज यहां पंजाब एवं  हरियाणा उच्च न्यायालय के परिसर में स्थित बार एसोसिएशन रूम में तीन महत्वपूर्ण कानूनी ग्रंथों का विमोचन किया गया। इस अवसर पर पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के  मुख्य न्यायाधीश जस्टिस श्री शील नागू ने आधिकारिक रूप से “भारतीय न्याय संहिता पर विवेचना और टिप्पणी”, “भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता पर विवेचना और टिप्पणी”और “भारतीय साक्ष्य अधिनियम पर विवेचना और टिप्पणी” शीर्षक से तीन पुस्तकों का विमोचन किया।

इस अवसर पर विमोचन समारोह की अध्यक्षता मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्य न्यायाधीश,  जस्टिस श्री अजय कुमार मित्तल द्वारा की गई। ये ग्रंथ श्री रविंद्र खंडेलवालश्री कमलजीत दहियाश्रीमती अनु सिंह और श्री वरुण चुघ के सह-लेखन में तैयार किए गए।

इस अवसर पर अपने भाषण में जस्टिस श्री शील नागू ने इन नए कोडों को न्यायसमानता और कानून के शासन के सिद्धांतों को अभिव्यक्त करने वाली एक न्यायिक प्रणाली की ओर एक कदम बताया। उन्होंने कहा  कि भारतीय न्याय संहिताभारतीय नागरिक सुरक्षा संहिताऔर भारतीय साक्ष्य अधिनियम न केवल विधायी अपडेट का प्रतीक हैंबल्कि कानूनी ढांचे के पूर्ण परिवर्तन का प्रतीक हैं जो साइबर अपराधभीड़ हिंसा और आतंकवाद जैसी आधुनिक चुनौतियों का समाधान करते हैं।

 जस्टिस श्री अजय कुमार मित्तल ने कानूनी सुधारों की समयोचितता और प्रासंगिकता की सराहना कीऔर इन नए कानूनों की जटिलताओं के माध्यम से कानूनी पेशेवरों को शिक्षित करने और मार्गदर्शन करने में इन पाठों की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया।

इस कार्यक्रम का संचालन हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के कार्यवाहक अध्यक्ष श्री जसदेव सिंह बराड़ और  मानद सचिव श्री स्वर्ण सिंह तिवाना ने किया।  इस अवसर पर  बार एसोसिएशन के कई सम्मानित सदस्य उपस्थित थे।

श्री के के खंडेलवालजो हरियाणा कैडर के 1985 बैच के सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी हैं और वर्तमान में भारत स्काउट्स और गाइड्स के राष्ट्रीय आयुक्त हैंने कानूनीप्रबंधनऔर सांस्कृतिक विषयों पर तीन दर्जन से अधिक पुस्तकें लिखी हैं। उनकी व्यापक रचनाएं कानून के विभिन्न क्षेत्रों में समझ और अनुप्रयोग में महत्वपूर्ण योगदान देती हैं।