जालंधर निगम चुनाव में करोड़ों का चुनाव प्रचार सामग्री घोटाला

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नगर निगम चुनाव में सबसे बड़ा घोटाला चुनाव सामग्री वालों का होता है जिसको कोई भी विभाग नजर तक नहीं मिलाता ।वह सिर्फ उम्मीदवार के आगे पीछे होते हैं कि वह लिमिट से बाहर न जाए परंतु अगर जीएसटी विभाग या जिला प्रशासन चुनाव सामग्री बेचने वालों 85 वार्ड में करोड़ों रुपए चुनाव सामग्री किसी किस उम्मीदवार को कितने की ओर विभिन्न प्रकार के प्रचार के लिए बेचे गए हैं जिसका शायद ही किसी के पास असली बिल हो यहां तक के कुछ ऐसे भी उम्मीदवार है जिन्होंने अपनी फैक्ट्री तक लगाई हुई है और चुनाव सामग्री में भारी डिस्काउंट भी दिया जा रहा था देखा जाए तो शहर की हर दीवार, चौक , सड़क कोई ऐसा घर नहीं होगा जिसके बाहर स्टीकर इश्तहार पोस्ट झंडे या अन्य सामग्री का प्रचार सामान न चिपकाए हो करोड़ों रुपए के इस्तेमाल लगाने के लिए लाखों रुपए तो मजदूर ही ले जाते है यह एक बार नहीं होता हर बार यही हाल है बड़ा सवाल है कि चुनाव आयोग को नहीं पता कितना साइज का बोर्ड कितने का बनता है या स्टीकर कितने का बनता है पोस्ट कितने का बनता है हर चीज का ज्ञान है लेकिन अज्ञानी बनकर बैठे हुए हैं हाथ पैर हाथ रखे ऐसे ही घोटाले सामने नजर खुले आम आते हैं लेकिन प्रशासन कुछ नहीं कर सकते शहर में एक दर्जन के लगभग बोर्ड बनाने वाले और कुछ ही पोस्टर स्टीकर बनाने वाले हैं जो ज्यादा मात्रा में नहीं है जो पकड़ में नहीं आ सकते।